Facts About Shiv chaisa Revealed
Facts About Shiv chaisa Revealed
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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका more info वर्णन कोई नहीं कर सकता।
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, shiv chalisa in hindi मंगल मूल सुजान।
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